सफलता के लिए कोई और योग्यता उतनी महत्वपूर्ण नहीं है, जितनी कि दूसरे लोगों के सामने बोलने, उनका ध्यान खींचने और उन्हें अपने दृष्टिकोण का विश्वास दिलाने की योग्यता । यह संभव है कि कोई व्यक्ति दर्जनों विषयों में पीएचडी की डिग्री ले ले, लेकिन जब तक वह प्रभावी ढंग से अपनी बात दूसरों के सामने नहीं रखेगा, तब तक उसकी इस योग्यता का कोई अर्थ नहीं।
बहरहाल, यह बात तय है कि जब तक आप अपनी बात को सकारात्मक तरीके से व्यक्त करना नहीं सीखते, तब तक अपने क्षेत्र में शिखर तक नहीं पहुंच सकते। प्रभावी ढंग से बोलने की आदत डालने के लिए जरूरी है कि आप जिस भी सभा, समारोह या बैठक में भाग लें उसमें बोलें अवश्य, अपने विचार व्यक्त करें, कोई अनुभव बताएं, किसी तरह से कुछ न कुछ जरूर बोलें।
अपनी टिप्पणियों को पूरे आत्मविश्वास के साथ सकारात्मक तरीके से व्यक्त करें। जो भी बोलें, ईमानदारी से बोलें। अगर आप लोगों को सच बता देते हैं, तो वे आपका समर्थन करेंगे। अगर आप उनसे झूठ बोलते हैं, तो वे आपका साथ छोड़ देंगे।
उम्मीद की. माह जीने की राह आलोचनाओं का सामना सकारात्मक ढंग से करें। यदि आपकी आलोचना हो रही है, तो यह इस बात का प्रमाण है कि आप विकास कर रहे हैं।
जानकारी दें, प्रेरित करें, परंतु कभी आक्रामक न हों। अच्छा भाषण कभी किसी दूसरे विचार पर आक्रमण नहीं करता। चाहे किसी वक्ता ने आपके विचारों के विपरीत भले ही कुछ कहा हो, परंतु कभी भी उसके प्रति आक्रामक न हों।
इस बात का हमेशा ख्याल रखें कि आप जो बोल रहे हैं उसका एक-एक शब्द महत्वपूर्ण अर्थ रखता है। जिस तरह किसी मशीन में एक भी अनावश्यक पुर्जा नहीं होता, उसी तरह आप जो कह रहे हैं, उसमें एक भी अनावश्यक शब्द नहीं होना चाहिए।
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